रविवार, 21 अगस्त 2011

hari naam bhajan

हरिनाम
श्रद्धा में डूबी रसना से बोलो भव तारक हरि नाम
भजो एक रस तन्मय हो कर प्रभु का नाम ललाम !
जिनका नाम लिखा पाहन --पट तरिणी सा तर जाए
जिनकी चरण शरण पा गंगा जग तारण को धाए !!
उनके नाम की छाया में दो घड़ी करो विश्राम !
भजो-----------------------------------------------------------
अतुल सैन्य बल छोड़ पार्थ क्यों माँगे घनश्याम
ह्दय चीर कर बजरंगी ने दरस कराए राम
प्रभु नाम की उस गंगा में डुबकी लो निष्काम
भजो-----------------------------------------------------------
खंभ फाड़ नरसिंह प्रकट भए रखी नाम की लाज
जिन प्रयास ही मिला विभीषण को लंका का राज
परिहरी लाज़ भजो रघुवर जग तारक गुण ग्राम
भजो----------------------------------------------------------------
सुंदर श्याम सलोने लोचन सुमिरत ही मन भाव
बाल रूप में भजत मुरारी रघुपति के गुण गावे
ऐसे प्रभु की नाम प्रसादी सिर धरी करो प्रणाम !!!!!!!!!!!!!
(आकाश वाणी मुंबई से प्रसारित )
शिव नारायण जौहरी विमल

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