बुधवार, 15 अप्रैल 2009

मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

'जिजीविषा' काव्य संग्रह के बारे में-----------------------------

1:उसके अक्खड़ बेटे-बेटियों, उनकी मस्ती, उनके दुख-दर्द और हालात से जूझने की जिजीविषा को सच्चे रंगों में प्रस्तुत करने में पूरी तरह कामयाब हुए,2:अर्थ मनुष्य की जिजीविषा की पूर्ति का साधन है. बग़ैर अर्थ के मनुष्य जिन्दा नहीं रह सकता.3:उस के बग़ैर जो प्राणी की जिजीविषा है, जो बहुत मूल्यवान है--जीवन अपने आप में एक मूल्य है--उस मूल्य की पूर्ति नहीं हो सकती.4:चरित्र में कालिदास ने जीवन की क्षयिष्णु प्रवृत्ति तथा मानव की चिरन्तन जिजीविषा को मूर्त किया है.5:ऐसी मृत्यु जो गुरु बनकर बोलने लगती है, मुमूर्षा का नहीं, जिजीविषा ता पाठ पढ़ाती है.6:लेकिन देखते हैं कि जब तक भीतर कहीं आकांक्षा और जिजीविषा शेष7:अपने संघर्ष को समझने और उसकी जिजीविषा को उत्तेजित करता है और8:परिवेश की प्रतिकूलता में भी अस्तित्व की जो विवशता है, और इनके बाबजूद जो दुर्दान्त जिजीविषा है वह कैक्टस में मौजूद है.9:वह मां न होते हुए भी कानूनन पांच बच्चों की मां है, तीसरी पत्नी है, निगम माया में जिजीविषा उत्पन्न करता है, वह निगम से तृप्ति चाहती है.10:पाँचवी कक्षा से आगे पढ़ भी न सके. लेकिन इसी कारण जिजीविषा नहीं मर सकी उनकी.11:दूसरे की नहीं अपनीं अवहेलना कर रहे हो... जिजीविषा की अवहेलना.12:नकार में है या स्वीकार मे. कैसे पकड़ में आ सकती है जिजीविषा. विदेह अशरीरी जिजीवाषा.13:बढता रहता, तुफानों से वह नहीं डरा।। प्रबल जिजीविषा है जिसकी, विश्व मनोरम है उसका । आनन्दमय जीवन है जिसका,14:एंव प्रणाम जिजीविषा को जिज्ञासा जिसका उन्मेष है संकल्प15:जिजीविषा (जीने की इच्छा जो संकल्प-शक्ति अथवा इच्छा-शक्ति के साथ16:स्थित हमारी जिजीविषा (जीने की इच्छा) विनाश एवं मृत्यु के भय की17:जिजीविषा, संकल्पशक्ति, तेज, स्फूर्ति, साहस, दृढ़ता, प्रभाव और आकर्षण में वृद्धि हो जाती है। ध्यान के अभ्यास में,